ॐ के 11 शारीरिक लाभ:
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ॐ : ओउम् तीन अक्षरों से बना है।अ उ म् ।
"अ" का अर्थ है उत्पन्न होना,
"उ" का तात्पर्य है उठना, उड़ना अर्थात् विकास,
"म" का मतलब है मौन हो जाना अर्थात् "ब्रह्मलीन" हो जाना।
ॐ सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति और पूरी सृष्टि का द्योतक है।
ॐ का उच्चारण शारीरिक लाभ प्रदान करता है।
जानिए ॐ कैसे है स्वास्थ्यवर्द्धक और अपनाएं आरोग्य के लिए ॐ के उच्चारण का मार्ग...
🔺01. ॐ और थायराॅयडः-ॐ का उच्चारण करने से गले में कंपन पैदा होती है जो थायरायड ग्रंथि पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
🔺02. ॐ और घबराहटः-अगर आपको घबराहट या अधीरता होती है तो ॐ के उच्चारण से उत्तम कुछ भी नहीं।
🔺03. ॐ और तनावः-यह शरीर के विषैले तत्त्वों को दूर करता है, अर्थात तनाव के कारण पैदा होने वाले द्रव्यों पर नियंत्रण करता है।
🔺04. ॐ और खून का प्रवाहः-यह हृदय और ख़ून के प्रवाह को संतुलित रखता है।
🔺05. ॐ और पाचनः-ॐ के उच्चारण से पाचन शक्ति तेज़ होती है।
🔺06. ॐ लाए स्फूर्तिः-इससे शरीर में फिर से युवावस्था वाली स्फूर्ति का संचार होता है।
🔺07. ॐ और थकान:-थकान से बचाने के लिए इससे उत्तम उपाय कुछ और नहीं।
🔺08. ॐ और नींदः-नींद न आने की समस्या इससे कुछ ही समय में दूर हो जाती है। रात को सोते समय नींद आने तक मन में इसको करने सेनिश्चिंत नींद आएगी।
🔺09. ॐ और फेफड़े:-कुछ विशेष प्राणायाम के साथ इसे करने से फेफड़ों में मज़बूती आती है।
🔺10. ॐ और रीढ़ की हड्डी:-ॐ के पहले शब्द का उच्चारण करने से कंपन पैदा होती है। इन कंपन से रीढ़ की हड्डी प्रभावित होती है और इसकी क्षमता बढ़ जाती है।
🔺11. ॐ दूर करे तनावः-ॐ का उच्चारण करने से पूरा शरीर तनाव-रहित हो जाता है।आशा है आप अब कुछ समय जरुर ॐ का उच्चारण करेंगे ।
साथ ही साथ इसे उन लोगों तक भी जरूर पहुंचायेगे जिनकी आपको फिक्र है ।अपना ख्याल रखिये, खुश रहें ।
।। पहला सुख निरोगी काया ।।
🌿 ॐ नम: शिवाय 🌿
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ॐ : ओउम् तीन अक्षरों से बना है।अ उ म् ।
"अ" का अर्थ है उत्पन्न होना,
"उ" का तात्पर्य है उठना, उड़ना अर्थात् विकास,
"म" का मतलब है मौन हो जाना अर्थात् "ब्रह्मलीन" हो जाना।
ॐ सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति और पूरी सृष्टि का द्योतक है।
ॐ का उच्चारण शारीरिक लाभ प्रदान करता है।
जानिए ॐ कैसे है स्वास्थ्यवर्द्धक और अपनाएं आरोग्य के लिए ॐ के उच्चारण का मार्ग...
🔺01. ॐ और थायराॅयडः-ॐ का उच्चारण करने से गले में कंपन पैदा होती है जो थायरायड ग्रंथि पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
🔺02. ॐ और घबराहटः-अगर आपको घबराहट या अधीरता होती है तो ॐ के उच्चारण से उत्तम कुछ भी नहीं।
🔺03. ॐ और तनावः-यह शरीर के विषैले तत्त्वों को दूर करता है, अर्थात तनाव के कारण पैदा होने वाले द्रव्यों पर नियंत्रण करता है।
🔺04. ॐ और खून का प्रवाहः-यह हृदय और ख़ून के प्रवाह को संतुलित रखता है।
🔺05. ॐ और पाचनः-ॐ के उच्चारण से पाचन शक्ति तेज़ होती है।
🔺06. ॐ लाए स्फूर्तिः-इससे शरीर में फिर से युवावस्था वाली स्फूर्ति का संचार होता है।
🔺07. ॐ और थकान:-थकान से बचाने के लिए इससे उत्तम उपाय कुछ और नहीं।
🔺08. ॐ और नींदः-नींद न आने की समस्या इससे कुछ ही समय में दूर हो जाती है। रात को सोते समय नींद आने तक मन में इसको करने सेनिश्चिंत नींद आएगी।
🔺09. ॐ और फेफड़े:-कुछ विशेष प्राणायाम के साथ इसे करने से फेफड़ों में मज़बूती आती है।
🔺10. ॐ और रीढ़ की हड्डी:-ॐ के पहले शब्द का उच्चारण करने से कंपन पैदा होती है। इन कंपन से रीढ़ की हड्डी प्रभावित होती है और इसकी क्षमता बढ़ जाती है।
🔺11. ॐ दूर करे तनावः-ॐ का उच्चारण करने से पूरा शरीर तनाव-रहित हो जाता है।आशा है आप अब कुछ समय जरुर ॐ का उच्चारण करेंगे ।
साथ ही साथ इसे उन लोगों तक भी जरूर पहुंचायेगे जिनकी आपको फिक्र है ।अपना ख्याल रखिये, खुश रहें ।
।। पहला सुख निरोगी काया ।।
🌿 ॐ नम: शिवाय 🌿
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